न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हाथरसअहेरिया समाज के प्रदर्शनकारियों और मौके की नजाकत को देखते हुए प्रशासन सहमा-सहमा नजर आया। समाज के प्रदर्शनकारियों ने आठ घंटे तक रेलवे ट्रैक पर कब्जा जमाए रखा और प्रशासन इसी उधेड़बुन में लगा रहा कि किसी भी तरह से शांति से प्रदर्शनकारी हट जाएं। आठ घंटे की मान मनौव्वल के बाद प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक से हटे।प्रदर्शनकारी सुबह 11 बजे ही रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए थे। इसका आभास स्थानीय प्रशासन को पहले से नहीं था। प्रदर्शनकारियों में काफी तादाद में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। ऐसे में पुलिस बल के साथ अधिकारी जब वहां पहुंचे, तब तक आंदोलनकारी ट्रैक पर कब्जा कर चुके थे। शुरू में पुलिस बल कम था और प्रदर्शनकारियों की संख्या ज्यादा थी। हालांकि इसके बाद पुलिस भी काफी आ गया, फिर भी स्थिति की नजाकत को देखते हुए अधिकारियों ने किसी भी तरह के बल प्रयोग का निर्णय नहीं लिया।इसकी वजह...
more... यह भी थी कि प्रदर्शनकारी रेलवे ट्रैक पर बैठे थे और टकराव की स्थिति में प्रशासन को रेलवे ट्रैक के पत्थरों से भीषण पथराव होने का डर भी सता रहा था। इसके चलते देर शाम मंडलायुक्त गौरव दयाल और डीआईजी दीपक कुमार भी अलीगढ़ से यहां आ गए। आखिर में लखनऊ में आंदोलन कर रहे उनके नेता चंद्रपाल अहेरिया का वीडियो सुनवाकर व लखनऊ में ही कुछ उच्चाधिकारियों से वार्ता कराकर प्रशासन ने रात्रि साढ़े सात बजे के लगभग रेलवे ट्रैक को खाली कराया। तब ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सका। संवादचंद्रपाल सिंह बोले, मुख्यमंत्री ने दे दिया है मिलने का समय, हट जाएं ट्रैक सेहाथरस। प्रशासन ने वह वीडियो प्रदर्शनकारियों को सुनवाया, जिसमें अहेरिया समाज के नेता चंद्रपाल सिंह अहेरिया यह कह रहे हैं कि वह रेलवे ट्रैक को छोड़ दें। उन्होंने बताया कि 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री से मिलने का समय मिल गया है। उन्होंने समाज के लोगों को बताया कि यदि 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया गया तो वह 21 दिसंबर को खुद सोमना स्टेशन पर दिल्ली-हावड़ा ट्रैक को फिर रुकवाएंगे। संवाद