राजगीर-तिलैया रेलखंड पर जेठियन रेलवे स्टेशन। ट्रेनें रुकतीं हैं। यात्री चढ़ते हैं, उतरते हैं। लेकिन, यहां दो साल से किसी भी यात्री ने टिकट नहीं कटाया है। दरअसल, यहां टिकट कटाने की व्यवस्था हीं नहीं है। इस रूट पर अप और डाउन में चार ट्रेनें चलती हैं। दानापुर-तिलैया पैसेंजर और बख्तियारपुर-गया पैसेंजर पर रोजाना यात्री सफल करते हैं। लेकिन, टिकट नहीं खरीद पाते। टिकट नहीं कटने से सरकार को रोजना राजस्व की हानि हो रही है। ऐसा नहीं है कि इस स्टेशन पर पहले कभी टिकट नहीं कटी हो। जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 जून 2010 को राजगीर-तिलैया रेलखंड का उद्घाटन रिमोट के माध्यम से किया था तो टिकटों की बिक्री शुरू हुई थी। उसी दिन जेठियन स्टेशन पर तीन स्टेशन मास्टर, तीन चतुर्थवर्गीय कर्मचारी, छह आरपीएफ के जवान, गैंगमैन आदि की पदस्थापना हुई थी। वर्ष 2012 में टिकट काटने का काम जेठियन गांव के पूर्व सरपंच विनोद कुमार को...
more... एजेंसी के माध्यम से दिया गया। इस बीच वर्ष 2014 को इस स्टेशन के सभी कर्मियों को अचानक रेलवे ने वापस बुला लिया। सभी कर्मियों के हटा लिए जाने से स्टेशन की व्यवस्था बिगड़ गई। परिणाम यह हुआ कि 10 मार्च 2015 और 12 मई 2015 को टिकट काउंटर पर दो बार लूट हो गई। टिकट काउंटर लूट की जांच में दानापुर के डीआरएम भी आए। संवेदक ने जेठियन स्टेशन पर आरपीएफ के जवानों की तैनाती, टिकट चेकिंग करवाने आदि की मांग की। लेकिन, कुछ नहीं हुआ। विनोद कुमार बताते हैं कि कुछ दिनों तक टिकट काटने का काम चला। लेकिन, जब सबों ने टिकट लेना बंद कर दिया तो 2016 से टिकट बेचने का काम भी समाप्त हो गया।