इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे के बाद कई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। सूत्रों का दावा है कि रेलवे की एक रिपोर्ट में झांसी से पनकी के बीच रेल ट्रैक को कई जगह अनफिट बताया गया था। साथ ही इन जगहों पर अधिकतम स्पीड 30 किमी/घंटा रखने की सलाह दी गई थी, लेकिन इसके उलट हादसे का शिकार हुई ट्रेन करीब 110 किमी की स्पीड से दौड़ रही थी। बताया जा रहा है कि ट्रेन के इंजन में ड्राइवर और असिस्टेंट ड्राइवर के साथ लोको इंस्पेक्टर पीडी यादव भी थे। आरोप है कि यादव ने ड्राइवर जलज शर्मा पर स्पीड बढ़ाने का प्रेशर बनाया था।
सूत्रों के मुताबिक, इसी साल अक्टूबर में दी गई रिपोर्ट में रेलवे अफसरों को इस बात के...
more... लिए आगाह किया गया था कि झांसी से कानपुर के बीच सात पॉइंट्स पर ट्रैक ट्रेनों को तेजी से दौड़ाने के लिए फिट नहीं है। कुछ पॉइंट्स पर ट्रेन ऑपरेशन की अधिकतम स्पीड 30 किमी रखी जाए। इसे न मानने की स्थिति में ट्रेन संचालन खतरनाक साबित हो सकता है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि मलासा से भीमसेन आउटर केबिन के बीच खासकर स्पीड कम रखी जाए क्योंकि यहां ट्रेक पॉइंट्स लूज थे। लेकिन इस बात की अनदेखी की गई और इतना बड़ा हादसा रविवार को इसी जगह पर हुआ।
झांसी, उरई, आटा, कालपी जैसे पॉइंट्स पर भी ट्रैक को कमजोर बताया गया था। भीमसेन से पनकी के बीच जून और अगस्त में ट्रैक की रिपेयरिंग भी हुई थी। हालांकि इसे काफी मामूली बताकर रिपोर्ट लगा दी गई थी। रेलवे सूत्रों का यह भी कहना है कि सही जांच होने की हालत में यह दुर्घटना पूरी तरह लापरवाही का केस साबित होगी। ट्रैक की स्थिति भांपते हुए ही सीआरएस पीके आचार्य ने एक्सिडेंट पॉइंट पर अधिकतम स्पीड 20 किमी रखने का आदेश दिया है।
3 पॉइंट्स पर था कॉशन
एनसीआर के सीपीआरओ बिजय कुमार के अनुसार, एक्सिडेंट वाले दिन झांसी से कानपुर के बीच सिर्फ तीन पॉइंट्स पर अलग-अलग कामों की वजह से सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए थे जो की एक रुटीन प्रक्रिया है। पुखरायां के पास उस दिन कोई कॉशन नहीं था।
70 मौतों की जांच रिपोर्ट कूड़े में
जुलाई-2011 में गलत ट्रैक पर डाल देने के कारण कालका मेल का एक्सिडेंट हुआ था। हादसे में करीब 70 लोगों की मौत के बाद रेलवे ने जांच के लिए सीआरएस को लगाया था। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, सीआरएस की जांच रिपोर्ट को अब तक रेलवे मिनिस्ट्री ने स्वीकार ही नहीं किया है। इस कारण अब तक कथित दोषियों को चार्जशीट तक नहीं दी गई है। सीपीआरओ ने चार्जशीट न दिए जाने की पुष्टि की है।