*भवानी मंडी वाले एक पत्र रेलवे को भेजते है जिसमे वो लिखते है कि भवानी मंडी देश की सबसे बड़ी धनिया मंडी है जबकि वहां रामगंज मंडी आने वाले धनिया का एक तिहाई भी बिकने नहीं आता लेकिन उन लोगों ने झूठ बोलना था वो बोल दिया क्योंकि वो जानते है कि वो कल ये भी बोल देगे कि भवानी मंडी कोटा स्टोन का गढ़ है तो भी मंडी के व्यापारी चुप रहेंगे।।आखिर रामगंज मंडी के व्यापारियों के लिए अपने व्यापार के नाम पर इज़्ज़त उछालना का विरोध करना एक पंचायती काम जो है।।भवानी मंडी को एक एक कर 3 ट्रेनों के स्टॉपेज मिल गए और मंडी के सब नेता जो फोटो खिंचवाने में आगे रहते है,वो व्यापारी जो करोड़ो कमाते है वो चुप बैठे है।।भवानी मंडी वालो के इस झूठ का फायदा उन्हें इस तरह होगा कि भविष्य में धनिया ज़्यादा वहां जाने लगेगा बजाय मंडी आने के फिर रामगंज...
more... मंडी के व्यापारी बेबसी के आंसू रोने के सिवाय कुछ नहीं कर पाएंगे।जब आप अभी विरोध नहीं कर रहे तो ऐसी स्थिति तो आएगी ही।।न आपके पास बिजली है,150 करोड़ का टैक्स देने के बाद भी न बिजली न सड़क न ढंग की ट्रेनें और न बस,जो भी बच्चा यहाँ पैदा होगा उसे बड़ा होने पर खुद पर शर्म आएगी कि मैं कैसे लोगों के बीच आ गया जो इतना टैक्स देने के बाद न अपने शहर को जिला बनवा पाए न कोई ढंग की सुविधा दिला पाए।।रामगंज मंडी जन चेतना मंच से एक मुहीम चालू हुई है लेकिन अगर उस मुहीम को रामगंज मंडी की जनता का साथ नहीं मिला तो रामगंज मंडी को गाँव से भी बदतर बनाने से कोई नहीं रोक सकता।।अब भी समय है ट्रैन चाहिए तो ऐसा आंदोलन मंडी का व्यापार संघ रेलवे स्टेशन पर करें कि रेलवे मजबूर हो जाये हमें हमारा हक़ देने के लिए नही तो बस रोते रहना और अपने बच्चो को ये कहकर बाहर भेजते रहना कि मंडी में कुछ नही रखा क्योंकि हम कुछ पाना चाहते ही नहीं थे।।हम चाहते थे मंडी गाँव बन जाए,हम चाहते थे मंडी रावतभाटा या भवानी मंडी जिले में आकर वहां के चक्कर काटे,हम चाहते थे कि रामगंज मंडी बर्बाद हो जाये और देखो बेटा वो हो गया जाओ कोटा जाओ इंदौर जाओ रामगंज मंडी मत आना क्योंकि यहाँ हर नेता बस फोटो खिंचवाता है और यहाँ की जनता घोड़े बेच कर सोती है फिर चाहे हमारी शान कोटा स्टोन का गढ़ और एशिया की सबसे बड़ी धनिया मंडी का दर्जा भवानी मंडी क्यों न छीन ले।।हम बस चुप बैठे रहेंगे और रामगंज मंडी की कब्र को खुदते हुए देखते रहेंगे।लेकिन आंदोलन नहीं करेंगे आखिर पैसा ही कमाना है बस फिर मंडी की आत्मा की कब्र खुदे या उसकी चिता जले हमें क्या करना।।।*