रेलवे ने एक अहम कदम उठाते हुए महू-रतलाम लाइन के दोहरीकरण की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए सर्वे काम शुरू किया है जिसकी रिपोर्ट तीन-चार महीने में पश्चिम रेलवे के मुंबई मुख्यालय को भेजी जाएगी। इसके बाद रेलवे बोर्ड से विधिवत अनुमति मिलने पर दोहरी लाइन बिछाने का काम शुरू होगा। महू से इंदौर-फतेहाबाद होते हुए रतलाम तक यह लाइन करीब 140 किलोमीटर लंबी है। रेल मंत्रालय पहले रतलाम-नीमच और नीमच-चित्तौड़गढ़ लाइन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण को मंजूरी दे चुका है।
फिलहाल इस लाइन से केवल डेमू ट्रेन की आवाजाही है, लेकिन भविष्य में यह रेल लाइन ट्रैफिक के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि उत्तर से दक्षिण भारत को जोड़ने वाला यह सबसे सीधा, कम दूरी और समय लेने...
more... वाला रेल मार्ग है। इंदौर-दाहोद, छोटा उदयपुर-धार, इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद महू-इंदौर-रतलाम रेल लाइन की उपयोगिता काफी बढ़ेगी, क्योंकि इस पर बड़े पैमाने से मालगाड़ियों की आवाजाही शुरू होगी। महू-खंडवा गेज कन्वर्जन के बाद कई यात्री गाड़ियां भी इसी रूट पर डायवर्ट करने की योजना है। कुछ साल पहले ही रेलवे ने महू-इंदौर-रतलाम रेल लाइन को छोटी से बड़ी लाइन में बदला है। इसी साल बजट में इस रेल लाइन के विद्युतीकरण को भी मंजूरी मिल चुकी है इसलिए दोहरी लाइन बिछेगी तो वह भी विद्युतीकृत होगी।
पहले इंदौर-देवास-उज्जैन लाइन होगी डबल
हालांकि रेलवे पहले 79 किमी लंबी इंदौर-देवास-उज्जैन लाइन के दोहरीकरण का काम करेगा। इसके दोहरीकरण और विद्युतीकरण का न केवल फाइनल लोकेशन सर्वे पूरा हो चुका है, बल्कि बजट में मंजूरी के साथ प्रोजेक्ट के लिए 20 करोड़ रुपए का आवंटन भी इस साल हो गया है। पहले चरण में इंदौर-देवास और दूसरे चरण में देवास-उज्जैन लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा। महू-फतेहाबाद-रतलाम लाइन की तुलना में इंदौर-देवास-उज्जैन लाइन पर ट्रेनों की आवाजाही कई गुना है इसलिए पहले उज्जैन लाइन का दोहरीकरण ही जरूरी है।
दोहरीकरण का फायदा पीथमपुर के माल परिवहन को मिलेगा
रेलवे बोर्ड पैसेंजर एमिनिटीज कमेटी के सदस्य नागेश नामजोशी ने बताया कि महू-इंदौर-फतेहाबाद-रतलाम लाइन के दोहरीकरण का सर्वे शुरू हो गया है। रेल मंत्रालय ने इस आशय की जानकारी दी है। इससे न केवल पीथमपुर से माल परिवहन आसान होगा, बल्कि यात्री ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर खड़ी करने की झंझट से भी मुक्ति मिलेगी। पिछले कुछ साल से रेलवे आधारभूत सुविधाएं बढ़ाने के लिए ज्यादा जोर लाइन दोहरीकरण और विद्युतीकरण योजनाओं को पूरा करने पर दे रहा है।